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Mahishasuramardini-14-15

Author
Samskrita Bharati
Published
Mon 07 Mar 2016
Episode Link
https://pb108.wordpress.com/2016/03/07/mahishasuramardini-14-15/


कमल-दलामल-कोमल-कान्ति कलाकलितामल-भाललते

सकल-विलास-कलानिलयक्रम-केलि-चलत्कल-हंसकुले ।

अलिकुल-सङ्कुल-कुवलय-मण्डल-मौलिमिलद्भकुलालि-कुले

जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १४ ॥


करमुरली-रव-वीजित-कूजित-लज्जित-कोकिल-मञ्जुमते

मिलित-पुलिन्द-मनोहर-गुञ्जित-रञ्जितशैल-निकुञ्जगते ।

निजगुणभूत-महाशबरीगण-सद्गुण-सम्भृत-केलितले

जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १५ ॥

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