मृत्यु उपरांत आत्मा को प्राप्त होने वाला पुण्य तीर्थ यात्रा और दान से कई गुना बढ़ जाता है। इस भाग में बताया गया है कि कौन-से तीर्थ और किस प्रकार का दान आत्मा की मुक्ति का मार्ग बनाते हैं।