जो आत्माएं पुण्य करती हैं, वे नरक के बजाय पितृलोक या स्वर्ग की ओर बढ़ती हैं। इस भाग में जानिए उस दिव्य यात्रा की विशेषताएँ और वहाँ आत्मा को मिलने वाली शांति।