जो आत्माएं अधूरी इच्छाओं, पाप या असमाप्त कर्मों के कारण मुक्त नहीं हो पातीं, वे प्रेत योनि में जाती हैं। जानिए इस योनि के कारण, लक्षण और इससे मुक्ति के उपाय।