हर आत्मा का जीवन उसके कर्मों से संचालित होता है। इस भाग में जानिए किस प्रकार यमराज आत्मा के पुण्य और पाप का लेखा-जोखा करते हैं और उनके आधार पर आत्मा का भविष्य तय होता है।